मां की लोरी

मां की लोरी वह प्यारी ध्वनि होती है, जो बच्चों को सुकून और नींद में डुबो देती है। यह लोरी मां के प्यार, सुरक्षा और दुलार का प्रतीक होती है। एक पारंपरिक हिंदी लोरी का उदाहरण:



"चंदा है तू, मेरा सूरज है तू"

चंदा है तू, मेरा सूरज है तू, ओ मेरे लाल, तू ही मेरा दिल है तू।

जीवन का मेरा, तू ही उजाला है, तेरे बिना तो, सब सूना-सूना है।

लोरी सुनाकर, सुलाऊं तुझे मैं, सपनों की दुनिया, दिखाऊं तुझे मैं।

मां की आवाज़ में एक अद्वितीय मिठास होती है, जो बच्चे को तुरंत शांत कर देती है और एक सुरक्षित माहौल में नींद का आभास कराती है।


मातृत्व की भावना केवल इंसानों में नहीं होती अभी तो जीव जंतुओं में भी पाई जाती है। सभी जीव जंतु अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं तथा उनका उचित रखरखाव भी करते हैं। जीव जंतुओं में भी अपने बच्चों के प्रति ममता इंसानों से कम नहीं होती।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें