पपीता कौन से महीने में लगाया जाता है
पपीता की खेती का सही समय फरवरी से 15 मार्च तक का होता है। पपीता के पौधे नर्सरी को तैयार होने में लगभग एक से डेढ़़ महीना लगता है। पपीता के पौधे की रोपाई bhumi | भूमि में अप्रैल तक की जा सकती है।
पपीता के पेड़ के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है | which soil is suitable for papaya tree
पपीता की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। पपीता के खेत में जल निकास अच्छा होना चाहिए क्योंकि पपीते की जड़े कच्ची होती है तथा जड़े भी ज्यादा भी ज्यादा गहरी नहीं होती, इसलिए bhumi में उसकी जड़ों में पानी ज्यादा देर तक नहीं रुकना चाहिए वरना आंधी चलने पर पपीता का पेड़ गिर सकता है।
पपीता के बीज | Papaya seeds
पपीता के बीज मार्केट मेंं किसी भी बीज बेचने वाली दुकान से मिल जाते हैं। किसान को उन्नत प्रजाति तथा अधिक पैदावार देने वाले पेड़ोंं के बीज ही लेने चाहिए। अगर किसान को बड़े स्तर पर पपीता की खेती करनी हैं तो उसे पपीता के बीज किसी अच्छी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से लेने चाहिए।
पपीता का पेड़ कैसे लगाएं, पपीता में कौन सा खाद देना चाहिए
सबसे पहले bhumi को अच्छी तरह से जोतकर मिट्टी को भुरभुरी और समतल कर लेना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए की उक्त मिट्टी में पानी का ठहराव ज्यादा समय तक ना रह सके, उसके बाद पेड़ लगाने के लिए लगभग 1.5 फिट गहरे गड्ढे बनाने चाहिए, यह गड्ढे उचित दूरी पर जोकि लगभग 5 फीट तक हो सकती है बनाने चाहिए। फिर इन गड्ढों में पर्याप्त मात्रा में देसी खाद, जैविक खाद और जिंक आदि का मिश्रण करके डालना चाहिए, तदुपरांत लगभग 6 इंच की गहराई तक पौधे का रोपण कर देना चाहिए।
पपीता का बीज कितने दिन में उगता है
पपीता के बीज का उगना बहुत कुछ मिट्टी और जलवायु पर निर्भर करता है। सामान्यतः पपीता का बीज 10 से 15 दिन में अंकुरित हो जाता है।
पपीता खाने का सही समय | पपीता कब खाना चाहिए | right time to eat papaya
पपीते के फलका सेवन प्रातः काल करना उचित सर्वशष्ठ माना जाता है। ऐसा माना जाता है की प्रातः काल पपीता का सेवन ज्यादा सुरक्षित और मूड को बेहतर बनान के लिए अच्छा होता है। वैसे पपीता के फल का सेवन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।
पपीता कब नहीं खाना चाहिए | when not to eat papaya
हमारे बड़े बुजुर्गों और आयुर्वेद के अनुसार पपीता एक बेहतरीन फल होता है और पाचन के लिए भी यह अच्छा होता है। लेकिन रात्रि के खाने के बाद पपीते को खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि रात्रि के खाने के बाद पाचन तंत्र के लिए यह हानिकारक हो सकता है।
पपीता खाने के नुकसान | disadvantages of eating papaya
व्यक्ति को लगभग एक समय में ढाई सौ ग्राम तक पपीते का सेवन कर लेना चाहिए, लेकिन पपीता का ज्यादा सेवन भी एक साथ करने से यह व्यक्ति की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है, क्योंकि पपीते में पपेन नाम का एक एंजाइम भी होता है जो कि चक्कर आना, सिर दर्द, एलर्जीी, सूजन आदि पैदा कर सकता है।
रात को पपीता खाने के फायदे | benefits of eating papaya at night
पपीता एक मजेदार फल है और यह आसानी से हजम हो जाता है। पपीता कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए रामबाण हैै। रात को पपीता खाने से व्यक्ति सुबह जल्दी और आसानी से मल त्याग देता है।
खाली पेट पपीता खाने के नुकसान | disadvantages of eating papaya
वैसे तो प्रातः काल पपीता का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा माना गया है लेकिन किन्हीं विशेष बीमारियों से ग्रस्त मरीज को खाली पेट पपीता खाने से नुकसान भी हो सकता है। बीमारियों में डॉक्टर की सलाह से ही पपीता का सेवन करना चाहिए।
पपीता खाने से क्या होता है | what happens when you eat papaya
पपीता खाने से सेहत बनती है और हाजमा दुरस्त रहता है। पपीता एक स्वास्थ्य वर्धक और हाजमेदार फल है और इसका सेवन से पेट भी दुरुस्त रहता है।
पपीता में कौन सा विटामिन पाया जाता है | which vitamin is found in papaya
भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार पपीता एक बेहद एवं फल है। औषधीय गुणों से भरपूर पपीता में विटामिन ए और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। पपीता व्यक्ति की इम्यूनिटी पावर को बूस्ट करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। मोटापे से परेशान व्यक्ति के लिए बेहतरीन फूड पपीता है। पपीता में 120 कैलोरी होती है। यह फल आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है, साथ ही महिलाओं के पीरियड्स के दर्द को भी कम करने में सहायक है।
इसका सेवन करने से शरीर का अंदर खून को शुद्ध किया जा सकता है। पपीते के अंदर औषधीय गुण होते हैं। पपीते में एंटी आक्साइड और फाइबर की मात्रा होती है। एंटी आक्साइड और फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं ।पपीते के फल में बहुत कम कैलोरी होती है जोकि मोटापे को घटाने में भी मदद करती है। डायबिटीज रोगियों के लिए भी पपीता एक बेहतरीन फल है क्योंकि स्वाद में मीठा होने के बावजूद भी पपीता में शुगर की मात्रा बहुत कम होती है।
पपीता और केला एक साथ खाने से क्या होता है | what happens if you eat papaya and banana together
पपीता और केला को एक साथ खाने से बचना चाहिए। दोनों ही अलग-अलग गुणों और स्वभाव के फल है, इसलिए दोनों ही फलों का उचित समय पर अलग-अलग उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद होता है।
पपीता को इंग्लिश में क्या बोलते हैं | what is papaya called in English
पपीता को इंग्लिश में Papaya बोलते हैं।
पपीता मजेदार | papaya Fun
पपीता मजेदार फल है।
पपीता गर्म है या ठंडा | is papaya hot or cold
पपीता को एक गर्म तासीर वाला फल माना जाता है।
पपीता का पत्ता | papaya leaf
पपीता का पत्ता आकार में काफी बड़ा होता है। पपीता के पेड़ पर उसके पत्ते ऊपर की तरह ही रहते हैं, पेड़ के साथ छोटी-छोटी डंडिया निकलती है, जिसके ऊपर पपीता का पत्ता लगा होता है। पपीता का पत्ता 2 फुट चौड़ा हो सकता है।
पपीता के पत्ते के फायदे | benefits of papaya leaf
पपीता का पत्ता औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पपीता के पत्ते को पीसकर जूस बनाकर छानकर सेवन करने से व्यक्ति की इम्यूनिटी पावर में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है।
पपीता खाने के बाद क्या चीज नहीं खानी चाहिए पपीता का जूस के फायदे | what should not be eaten after eating papaya
पपीता खाने के बाद कुछ समय तक जल का उपयोग करने से बचना चाहिए। पपीता का जूस के फायदे बहुत होते हैं, यह व्यक्ति की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने में सहायक है। डेंगू बीमारी में
भी पपीता का जूस बहुत फायदेमंद पाया गया है।
गिलोय पपीता रस बेनिफिट्स | giloy papaya juice benefits
गिलोय पपीता रस बेनिफिट्स बहुत अधिक है। दोनों का ही मिश्रित रस एक आयुर्वेदिक रामबाण औषधि की तरह ही काम आता है। इसका रस इम्यूनिटी पावर बढ़ाने में सहायक है तथा डेंगू के मरीज को इसका रस अत्यंत ही फायदेमंद है। पपीता के औषधीय गुण बहुत अधिक है।
गिलोय का पौधा घर में लगाना शुभ है या अशुभ
यह सवाल अक्सर दिमाग में कौंधता है कि, गिलोय का पौधा घर में लगाना शुभ है या अशुभ, और इसका सीधा और सपाट उत्तर यह है कि गिलोय एक औषधीय पौधा है और यह बेल की तरह बढ़ता है। घर में ही इसके विविध इस्तेमाल हैं, और गिलोय का पौधा घर में लगाना शुभ होता है।
गर्भवती महिला को पपीता खाने से क्या होता है | what happens to a pregnant women by eating papaya
गर्भवती महिला सीमित मात्रा में पका हुआ पपीता खा सकती है क्योंकि पपीता सेहत के लिए अच्छा माना जाता है और गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत पडती है।
पपीते में पर्याप्त मात्रा में विटामिंस, प्रोटीन, फाइबर आदि पाए जाते हैं। पपीते के सेवन से महिलाओं के पीरियड के समय में कोई भी बदलाव नहीं होते। वही हेल्थ एक्सपर्ट की ओपिनियन में पपीता सभी फलों में सबसे ज्यादा स्वादिष्ट होता है। महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कुछ फलों को न खाने की सलाह भी हेल्थ एक्सपर्ट देते हैं। कच्चा पपीता गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान नहीं खाना चाहिए क्योंकि कच्चा पपीता खाने से मिसकैरेज या समय से पहले दर्द शुरू हो सकते हैं।
पपीता की उम्र कितनी होती है
ऐसा माना जाता है की पपीते के पेड़ लगभग 4 से 6 वर्ष तक की उम्र रखता है, मगर यह सब पपीता की जहां पर बोया जाता है, वहां की मिट्टी और जलवायु पर भी निर्भर करता है। बहुत कुछ पपीते के बीज किस क्वालिटी के हैं उस पर भी निर्भर करता है। इस प्रकार पपीता की उम्र 4 से 6 वर्ष से भी कुछ ऊपर नीचे हो सकती है।
पपीता का पेड़ घर में शुभ है या अशुभ
पपीता का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है, आज तक हमारे द्वारा ऐसा कभी भी नहीं सुना गया की पपीता लगाने से कभी कोई अशुभ हुआ हो। अगर कोई अपवाद हुआ हो तो उसकी जानकारी हमें नहीं है।
पपीता का पेड़ कितने दिन में फल देने लगता है?
सामान्यता पपीता का पेड़ 280 दिन से 310 दिन के बीच में फल देना शुरू कर देता है, मगर बहुत कुछ इसके बीज की वैरायटी पर निर्भर करता है। उन्नत बीज का पौधा कुछ जल्दी भी फल देना शुरू कर देते हैं।
पपीता का पेड़ 1 साल में कितनी बार फल देता है?
ऐसा माना जाता है की पपीता का पेड़ आमतौर पर एक बार में साल में वर्ष में एक बार ही फल देता है, मगर आजकल कुछ ऐसे उन्नत बीज भी आ गए हैं, जिनका पौधा एक से अधिक बार भी फल दे सकता है।
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