सेहत के लिए रोज अंडा खाने के फायदे आपको हैरान कर देंगे | what are the benefits of egg

What are the benefits of egg | रोज अंडा खाने के फायदे 

हम आज hindidada.in की इस पोस्ट के माध्यम से निम्न जानकारी देंगे :

👉पहले मुर्गी आई या अंडा 

👉अंडा खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए

 👉अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी

 👉अंडा खाने के फायदे 

👉अंडा खाने से क्या होता है

👉 अंडा कब खाना चाहिए 

👉उबला अंडा खाने के फायदे 

👉रोज अंडा खाने के फायदे

👉 अंडा खाने के नुकसान


पहले मुर्गी आई या अंडा | what came first the chicken or the egg 





पहले मुर्गी आई या अंडा आया ,यह सोच सोच कर दिमाग चकराया।

पहले अंडा आया या मुर्गी, यह सवाल सभी को कंफ्यूज कर देता है। लेकिन अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचे तो हमारे हिसाब से जिस प्रकार धीरे-धीरे सृष्टि का जन्म हुआ, और धीरे-धीरे जीव-जंतुओं का जन्म हुआ, कालांतर में उनका विकास हुआ, उस हिसाब से तो पहले मुर्गी आई और उसके बाद अंडा आया। पहले मुर्गी आई या अंडा इसका जवाब हमने दे दिया है।


अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी | egg is veg or non veg




अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी, इसको लेकर विभिन्न व्यक्तियों और समाज में मतभेद है। जहां पर कुछ व्यक्ति अंडे को शाकाहारी कहते हैं, तो कुछ इसको मांसाहारी भी कहते हैं। लेकिन हमारे अपने व्यक्तिगत और स्वतंत्र नजरिये के मुताबिक जो अंडा मुर्गी देती है, वह अंडा मांसाहारी होता है, और जो अंडा मशीनों में बनाया जाता है, वह अंडा शाकाहारी होता है। अंडे के प्रति सभी का दृष्टिकोण अलग अलग है, तथा कोई भी एक दूसरे के विचारों को मानने के लिए बाध्य नहीं है। अपने समाज, अपनी प्रथा और अपने स्वतंत्र आकलन द्वारा हर व्यक्ति को खुद यह तय करना चाहिए कि, अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी।

अंडा खाने के फायदे


अंडा खाने के फायदे बहुत अधिक है। अंडा प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, अंडा हड्डियों को मजबूत करता है, अंडा आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है, वजन कम करने के लिए और वजन को नियंत्रित रखने के लिए प्रतिदिन अंडे का सेवन करना मददगार साबित हो सकता है। कैंसर से बचने के लिए भी अंडा फायदेमंद होता है। मांसपेशियों के निर्माण के लिए अंडा एक अच्छा विकल्प है। इसके अलावा अंडे के अंदर बहुत से विटामिन भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।


प्रतिदिन अंडा खाने से क्या होता है | अंडा खाने से क्या होता है | egg works 


अंडा खाने से शरीर को ताकत और एनर्जी मिलती है। सेहत के लिए अंडे को बहुत अच्छा माना जाता है। एक खतरनाक खिलाड़ी और खिलाड़ियों का खिलाड़ी बनने के लिए अंडा बहुत मददगार होता है। अंडे के द्वारा मांसपेशियों का निर्माण बहुत अच्छा होता है। प्रोटीन का अच्छा स्रोत है अंडा। अंडा खाने से मोटापा कम करने में मदद मिलती है। अंडा एक सुपर फूड है तथा अंडे को खाने से शरीर को नियमित कार्य करने के लिए ऊर्जा मिलती है तथा शरीर के विकास में भी यह सहायक है।


अंडा कब खाना चाहिए | प्रतिदिन अंडा खाने से क्या होता है


वैसे तो हम यह स्लोगन बार-बार अपने जीवन में टेलिविजन, रेडियो और न्यूज़पेपर के माध्यम से सुनते रहते हैं की,

 संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे।

 अंडे खाने का वैसे तो कोई भी समय मुकर्रर नहीं है, अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार अंडा को कभी भी खाया जा सकता है।
उबला अंडा खाने के फायदे, कच्चा अंडा खाने के फायदे, शाम को अंडा खाने के फायदे, रोज खाने के फायदे, अंडा भुर्जी खाने के फायदे, अंडा करी खाने के फायदे, सब अलग-अलग है। और अलग-अलग समय के अनुसार ही अपनी सुविधा के मुताबिक अंडा खाया जा सकता है।

अंडा को कैसे उबाले | how to boiled egg


egg recipes में हम आज बता रहे हैं की how to boil an egg.



egg shop near me का विचार कर सर्वप्रथम egg shop से जाकर egg man से new egg तथा best egg खरीदने चाहिए। egg केवल egg tray में लेने चाहिए, इससे new egg घर ले जाते हुए टूटने का खतरा कम हो जाता है। broken egg को उबालना नहीं चाहिए। अण्डा खाने वाले को egg rate की जानकारी रखनी चाहिए। Egg shop पर जानें से पहले today egg rate का पता कर लेना चाहिए।

अंडा उबालने के लिए सर्वप्रथम egg cooker में जरूरत के हिसाब से पानी भर लेना चाहिए। egg cooker में पानी इतना होना चाहिए की अंडे पानी में डूब सके। उसके बाद गैस स्टोव को ऑन कर दे कर देना चाहिए और धीमी आंच रखनी चाहिए, जब पानी थोड़ा गरम हो जाए तो उस पानी में लगभग एक या दो चम्मच नमक डाल देना चाहिए। नमक डालने का फायदा यह होता है की उबले हुए अंडे से छिलका उतारना आसान हो जाता है। जब पानी थोड़ा गर्म हो जाए तो egg tray से जरूरत के अनुसार अंडे लेकर उसमें डाल देना चाहिए। अंडा धीरे-धीरे egg cooker में डालना चाहिए ताकि अंडा चटक ना जाए।

Egg boiling time : सामान्यता soft boiled egg के लिए चूल्हा जला कर धीमी आंच पर egg cooker को लगभग 5 मिनट लगते हैं।  soft boiled egg time उबलने वाले अंडों की मात्रा और गैस चूल्हे की आंच की मात्रा के अनुसार आगे पीछे हो सकता है। hard boiled egg time कुछ ज्यादा हो सकता है। boiled egg को गैस चूल्हा बंद करके कुछ समय तक गर्म पानी में छोड़ देना चाहिए। तदुपरांत boiled egg को egg cooker से निकालकर छीलकर प्लेट में लगा लेना चाहिए।




Egg masala को उबले हुए और कटे हुए अंडे पर छिड़क लेना चाहिए, egg salad भी भी उबले हुए अंडे के साथ खाया जा सकता है। उबले हुए अंडे से egg cury भी बनाई जा सकती है।




                                               

सेहत के लिए गाजर खाने के फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे | Carrot benefits | What to do with carrots

आज की पोस्ट में हम मानव शरीर की सेहत के लिए गाजर खाने के फायदे, carrot benefits तथा carrot recipes के बारे में jankari देंगे। अच्छी सेहत के लिए गाजर खाने के फायदे बहुत अधिक है। गाजर मनुष्य के लिए सेहत का खजाना है तथा गाजर के अंदर सेहत के लिए फायदेमंद अनेक गुण पाए जाते हैं।

गाजर खाने के फायदे | Carrot benefits 



सामान्य ज्ञान | general knowledge के अनुसार सेहत के लिए गाजर एक प्राकृतिक उपहार की तरह है। गाजर को खाने के अनेक फायदे मिलते हैं। गाजर के अंदर अनेक मल्टीविटामिन पाए जाते हैं। गाजर मनुष्य की रक्त में मौजूद लाल कणिकाओं को बढ़ाने में सहायक होती है।

 गाजर में आयरन कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गाजर रक्तवर्धक सब्जी है, गाजर को खाने से खून बनता है जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही जरूरी है। खून की कमी से जूझ रहे व्यक्ति के लिए गाजर एक रामबाण की तरह है। 

गाजर मनुष्य के हृदय को भी स्वस्थ रखने में लाभकारी से सिद्ध होती है।

 गाजर खाने से मनुष्य की आंखों की ज्योति भी बढ़ती है। गाजर खाने से कैंसर का खतरा भी थोड़ा कम हो जाता है।

 ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए भी गाजर उपयोगी है।

 गाजर खाने से व्यक्ति की हड्डियां मजबूत होती है। गाजर का जूस पीने से शरीर को तुरंत ही एनर्जी मिलती है।

 गाजर का सेवन करने से बालों तथा त्वचा में निखार आता है। गाजर में फाइबर भरपूर मात्रा में मिलता है, जोकि व्यक्ति के  डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।

 गाजर को सलाद के रूप में अपने खाने में शामिल किया जा सकता है। दिल की बीमारी में भी गाजर का सेवन लाभकारी सहित होता है।

 गाजर में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है, दातों और मसूड़ों को हेल्दी रखने में विटामिन ए बहुत जरूरी होता है। गाजर का सेवन करने से दांत मजबूत होते हैं, तथा दातों में मौजूद बैक्टीरिया इसके प्रभाव से नष्ट भी हो सकते हैं।

 गाजर में मौजूद फोलेट विटामिन गर्भवती मां और घर में गर्भ में 15 बच्चों के लिए बहुत ही लाभप्रद होता है। प्राइवेसी में भी महिलाएं गाजर का सेवन कर लाभ उठा सकती हैं। 

गाजर से क्या-क्या बनता है | recipe for Carrot 


Carrot dishes में गाजर से gajar ka halwa| गाजर का हलवा, गाजर का जूस, गाजर का अचार, गाजर का केक, गाजर अदरक का सूप, सलाद,गाजर का सॉस आदि व्यंजन बनाए जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही लाभदायक होते हैं। carrot की best recipee carrot cake भी होती है , Carrot Soup भी सेहत के लिए अच्छा होता है । 


गाजर का हलवा कैसे बनाएं |Gajar ke halwe ki recipe


Gajar ka halwa banane ki vidhi में गाजर का हलवा बनाने के लिए सर्वप्रथम हमें अच्छी गाजर की आवश्यकता पडती है। गाजर bhumi| भूमि में उगती है।

 सर्वप्रथम हमें ताजी और बड़ी मोटी गाजर को पानी से धो लेना चाहिए। उसके बाद गाजर के टॉप पर | carrot top पर स्थित पत्तों को वहां से काटकर अलग कर देना चाहिए, फिर चाकू से गाजर के ऊपर के छिलके को उतार लेना चाहिए। उसके बाद गाजरो को धोकर Carrots को कद्दूकस में कसकर बारीक बारीक काट लेना चाहिए। 

उसके बाद एक बड़ी कढ़ाई में उक्त कटी हुई बड़ी गाजरो को डालकर कड़ाही में आवश्यकतानुसार दूध और मावा मिलाकर हल्की आंच पर पकने के लिए रख देना चाहिए। ध्यान रहे की गाजर को हल्की आंच पर ही पकाना चाहिए, तेज आंच से गाजर का हलवा जल सकता है और बेस्वाद हो सकता है।





 जब गाजर अच्छी तरह से गल जाए तो उसके अंदर खोया, ड्राई फ्रूट, छोटी इलायची, पिसा हुआ नारियल आदि वस्तुएं डालकर धीरे-धीरे पकाना चाहिए। गाजर का हलवा बनाने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लग सकता है। जब उपरोक्त सारी चीजें मिक्स हो जाए और हलवा कुछ टाईट हो जाए तो देसी घी भी उसमें डाला जाता है। कुछ देर बाद आपका गाजर का हलवा खाने के लिए तैयार हो जाएगा।


गाजर का सूप | Carrot Soup


recipe for Carrot में अब हम Carrot and ginger soup के बारे में बताएंगे।





 Carrot dishes recipee में carrot soup,  carrot ginger soup बनाने के लिए सर्वप्रथम हमें ताजी और अच्छी गाजर ले लेनी चाहिए। Carrot top को चाकू से काट कर पत्तों को अलग कर देना चाहिए। तदुपरांत गाजर को चाकू से छील लेना चाहिए और उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लेना चाहिए। गाजर के अतिरिक्त इसमें थोड़ी अदरक को भी माहीन करके डाल लेना चाहिए, इसमें जरूरत के अनुसार चुकंदर और टमाटर को भी डाला जाता है।

सभी के छोटे-छोटे टुकड़े कर लेने चाहिए और उनको किसी बर्तन में धीमी आंच पर पानी में उबालना चाहिए। लगभग 20 मिनट तक पानी को उबालने के बाद जब आधा पानी सूख जाए तो सभी को मिक्सी में पीस लेना चाहिए और छानकर गिलास में डालकर गाजर का सूप सेवन योग्य हो जाता है। 

Carrot soup में अपनी पसंद तथा आवश्यकतानुसार नमक, हींग, राई और अन्य मसाले और धनिया आदि भी डाले जाते हैं।


सेहत कैसे बनाएं क्या खाएं


हर व्यक्ति और खिलाड़ी के लिए सेहत बहुत ही ज्यादा जरूरी है। बड़े बुजुर्गों ने कहा भी है कि health is wealth.

health is wealth meaning in hindi : सेहत ही धन है।





 सबसे जरूरी सवाल यह खड़ा हो जाता है की सेहत कैसे बनाएं, सेहत बनाने के घरेलू उपाय में सबसे अच्छा तरीका होता है अच्छा खानपान। एक दमदार खिलाड़ी और खिलाड़ियों का खिलाड़ी बनने के लिए भी अच्छी सेहत बहुत जरूरी होती है। खिलाड़ी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक लाना बच्चों का खेल नहीं है।

 भारत सरकार भी खेलों को बहुत ज्यादा बढ़ावा दे रही है। अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए भी अच्छी सेहत बहुत जरूरी है। carrot खिलाड़ी की अच्छी सेहत बनाने के लिए बहुत लाभकारी होती है , खतरनाक खिलाड़ी की सेहत बनाने के लिए vegetables में  गाजर बहुत ही अच्छा विकल्प है। गाजर का इस्तेमाल करके अच्छी सेहत बनाई जा सकती है, गाजर को हर व्यक्ति और दमदार खिलाड़ी को विभिन्न व्यंजनों के माध्यम से अपने खानपान में जरूर ही शामिल करना चाहिए।



                                         

shamshan ghat se paise uthakar doston ko chane khilaye Bachpan mein | श्मशान घाट से पैसे उठाकर दोस्तों को चने खिलाए बचपन में

जैसा कि मैं पूर्व में बता चुका हूं कि मेरा जन्म और परवरिश एक निहायत ही पिछड़े हुए गांव में हुआ था, जोकि जंगल के किनारे पर स्थित था। हमारे गांव से मुख्य सड़क लगभग ढाई किलोमीटर दूर थी, इसका वर्णन मैं अपनी बायोग्राफी | Biography में लिखी एक पोस्ट जिसका हेडिंग था, जिनका मिलना नहीं होता मुकद्दर में उनसे मोहब्बत कसम से कमाल की होती है, में विस्तार से दे चुका हूं। उक्त पोस्ट का लिंक मैं नीचे भी दे रहा हूं।

http://www.hindidada.in/2022/07/jinka-milna-nahi-hota-mukaddar-meinunse.html

 दोस्तों,
          यह बात उस वक्त की है जब मैं कक्षा 6 का छात्र था और मेरी उम्र लगभग 10 वर्ष के आसपास थी। हमारे गांव में प्राथमिक विद्यालय था, जहां पर कक्षा 5 तक की पढ़ाई होती थी। उसके बाद गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जूनियर हाई स्कूल था। हमें प्रतिदिन 3 किलोमीटर पैदल ही चल कर स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ता था।

 उस दौर में कोई थ्री व्हीलर, बस, वेन, तांगा आदि हमारे गांव में नहीं आता था। जब हम अपने स्कूल जाते थे तो घर से 3 किलोमीटर दूर स्कूल तक हमें दूर-दूर तक कोई भी प्राणी नजर नहीं आता था। निहायत ही सुनसान रास्ता था, लेकिन बच्चों के दिल दिमाग में डर नामक चीज नहीं होते थे, केवल एक अपवाद को छोड़कर।




 उन दिनों भूत प्रेत आदि के बारे में बहुत ज्यादा चर्चाएं होती थी और ऐसा माना जाता था की भूत होते हैं। हमारे स्कूल के रास्ते में घर से 2 किलोमीटर दूर पर एक श्मशान घाट | shamshan ghat था। जहां पर निकलते हुए बच्चे बहुत ही डरते थे क्योंकि उनको ऐसा महसूस होता था की श्मशान घाट के मुर्दे कभी भी उठकर उनको पकड़ सकते हैं और श्मशान घाट में khatarnak bhoot होते हैं। bhoot khatarnak के बारे में सोच कर बच्चों के रोंगटे खड़े हो जाते थे तथा बच्चे  शमशान घाट bhumi से लगभग 50 मीटर पहले ही अपनी आंखों पर हाथ रख लेते थे और प्रभु श्री राम के नाम की जपमाला राम राम करते हुए दौड़ लगा दिया करते थे और श्मशान की तरफ मुड़कर भी नहीं देखते थे। ऐसा विश्वास था की भूत से बचने के लिए यह काम श्मशान के टोटके हैं। वापसी में भी यही प्रक्रिया जारी रहती थी मगर मैं इन सबसे बेपरवाह आराम से धीरे-धीरे चलता हुआ मस्त मोला स्वभाव में आराम से जाता था तथा मुझे भूत से डर नहीं लगता था। भूत को बच्चे bhutiya dada भी कहते थे। स्कूल में बच्चे पेंसिल और पेंट से कई बार अपनी कॉपी में khatarnak bhoot ki picture बनाते थे। bhoot ki picture khatarnak दिखाई देती थी। बच्चों ने khatarnak bhutni के बारे में भी सुन रखा था।


जब मैंने शमशान भूमि में प्रवेश किया | jab maine shamshan bhumi mein pravesh kiya





जैसा कि मैं पूर्व में ही बता चुका हूं कि मैं बचपन से ही बहुत ही निडर और दबंग किस्म का इंसान रहा हूं। एक दिन स्कूल की छुट्टी के बाद स्कूल के सभी बच्चे वापिस गांव में अपने घर की तरफ जा रहे थे, तो रास्ते में फिर से हमें उपरोक्त श्मशान घाट भूमि के पास से होकर जाना था। मगर उस दिन सभी बच्चों को श्मशान में एक दिल दहलाने वाला मंजर दिखाई दिया। सभी बच्चों ने श्मशान घाट के मुर्दे को जलते हुए देखा। सभी बच्चों की उक्त मंजर को देखकर घिग्गी बंध गई और उन्हें विश्वास हो गया कि आज कोई ना कोई भूत तो उनको अवश्य ही पकड़ लेगा। सभी बच्चे अत्यंत ही दहशत में आकर श्मशान भूमि | shamshan bhumi के पास से निकलते हुए राम राम राम राम का जप बहुत जोर से कर रहे थे। मगर मैं आराम से मस्ती भरी चाल चलते हुए बहुत ही गहरी नजरों से उक्त जलती हुई श्मशान घाट के मुर्दे की चिता को देखते हुए धीरे-धीरे चल रहा था।

श्मशान घाट से मैंने बिखरे हुए सिक्के इकट्ठा किए | shmashan ghat se maine bikhre hue sikke ekattha kiye





शमशान भूमि | shamshan bhumi में मुझे अत्यंत ही भयानक मंजर दिखाई पड़ा, मैंने श्मशान घाट | shamshan ghat में सड़क से चलते चलते देखा की, जहां पर श्मशान घाट का मुर्दा जल रहा था उसके आसपास बहुत से पांच पैसे, 10 पैसे, दो पैसे, एक पैसे के सिक्के बिखरे पड़े थे, शायद वह किसी वृद्ध की लाश से जल रही थी।

 अब मेरे दिमाग में एक शैतानी आईडिया घर कर चुका था। मैंने मौके का भरपूर फायदा उठाने का फैसला कर लिया और मैं बेधड़क होकर श्मशान घाट में प्रवेश कर गया और शमशान भूमि में श्मशान घाट के मुर्दे के आसपास बिखरे हुए सिक्के इकट्ठे करने लगा। दूर से ही सब बच्चे दहशत में आकर जोर-जोर से चिल्ला रहे थे कि आ जाओ नहीं तो भूत पकड़ लेगा, भूत पकड़ लेगा।

 मगर मैं इन सब से बेपरवाह होकर अपने काम में मगन था। आराम से मैं सारे पैसे इकट्ठे कर जेब में डाल कर सीना चौड़ा कर चलता हुआ अपने साथियों की तरह बड़ा, जैसे कि आज मैं विश्व विजय करके आया हूं।



सभी दोस्तों को मैंने श्मशान भूमि से इकट्ठे हुए पैसों से चने खिलाए | sabhi doston ko Maine shmashan bhumi se ekatthe hue paison se chane khilayen


अब हम सभी बच्चे इकट्ठे होकर अपने गांव की तरफ बढ़ रहे थे। हमारा गांव अब भी लगभग 2 किलोमीटर दूर था, आज सभी बच्चों में मैं एक हीरो की तरह अलग ही दमक रहा था तथा मेरी चाल अत्यंत ही दमदार थी। जब हम लगभग 1 किलोमीटर आगे चले तो हमें एक साइकिल पर चने वाला आता हुआ दिखाई पड़ा, वह चने वाला पूर्व में दोपहर को स्कूल में चने बेचता था और उसके बाद वह गांव में जाकर चने बेचता था। उसके पास साइकिल पर मात्र एक पतीला | एक बर्तन जोकि लगभग 5 किलो के आसपास था होता था, उसमें ही चने होते थे। इसके अतिरिक्त प्याज और चटनी हाेती थी। मैंने चने वाले को रोक लिया और श्मशान घाट से इकट्ठा हुए पैसों से सभी दोस्तों को चने खिलाए। सभी दोस्त अत्यंत ही प्रसन्न हुए, मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद किया कि आज मेरी मेहनत और दबंगई के कारण उन्हें चने खाने को मिले।


एक बच्चे की गद्दारी से घर पर हुई पिटाई | ek bacche ki gaddari se ghar per hui pitaai

अब सभी बच्चे क्योंकि मेरे गुनाह में शामिल हो चुके थे और क्योंकि उन पैसों से सभी बच्चों ने चने खा लिए थे, लिहाजा सभी को यह डर और आशंका सता रही थी कि,

 घर में अगर इस घटना का पता चल गया तो क्या होगा? 

सभी बच्चों ने आपस में इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा की और सब ने मिलकर इसका एक लाजवाब  हल निकाल लिया कि कोई भी बच्चा आज की घटना का घर में जाकर जिक्र नहीं करेगा।

 मगर हमें क्या मालूम था कि हमारे बीच में ही एक घर का भेदी यानि विभीषण मौजूद है। कहावत भी है कि घर का भेदी लंका ढावे। हम आराम से सभी बच्चे सामान्य तौर पर ही घर पहुंचे और दैनिक नित्यचर्या में मगन हो गए। मगर एक बच्चा दिल से थोड़ा कमजोर था, उसको यह डर सता रहा था की आज उसने श्मशान घाट के पैसों से चने खाए हैं, लिहाजा उसको  भूत आकर पकड़ सकता है। उसने घर जाकर रोते-रोते डर से अपनी मां को सब कुछ बता दिया। उस बच्चे की मां द्वारा हमारे घर आकर मेरी माता श्री को भी मेरे इस बहादुरी के कारनामे के बारे में विस्तार से बता दिया।

 फिर उसके बाद जो रिजल्ट निकलना था, आप सोच ही सकते हैं। दे थप्पड़, दे मुक्का और दे डंडा। मगर मार खाते हुए एक बात का मुझे आभास हो रहा था कि मेरे माता जी को भी कहीं ना कहीं इस बात का डर सता रहा था कि, कहीं भूत मुझे भी आकर पकड़ ना ले।



                                                

पपीता की खेती करके लाखों रुपए की आमदनी करें | Papaya cultivation

भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा इस देश की लगभग 70% आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती के साथ जुड़ी हुई है। भारतीय किसान कई फसलों की खेती करते हैं। हम आज पपीता की खेती की जानकारी अपने इस पोस्ट के माध्यम से देंगे और पपीता खाने के फायदे, पपीता खाने के नुकसान और पपीता के फायदे और पपीता की खेती के बारे में विस्तार से बताएंगे।


पपीता कौन से महीने में लगाया जाता है 

पपीता की खेती का सही समय फरवरी से 15 मार्च तक का होता है। पपीता के पौधे नर्सरी को तैयार होने में लगभग एक से डेढ़़ महीना लगता है। पपीता के पौधे की रोपाई bhumi | भूमि में अप्रैल तक की जा सकती है।




पपीता के पेड़ के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है | which soil is suitable for papaya tree

 पपीता की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। पपीता के खेत में जल निकास अच्छा होना चाहिए क्योंकि पपीते की जड़े कच्ची होती है तथा जड़े भी ज्यादा  भी ज्यादा गहरी नहीं होती, इसलिए bhumi में उसकी जड़ों में पानी ज्यादा देर तक नहीं रुकना चाहिए वरना आंधी चलने पर पपीता का पेड़ गिर सकता है।


पपीता के बीज | Papaya seeds




पपीता के बीज मार्केट मेंं किसी भी बीज बेचने वाली दुकान से मिल जाते हैं। किसान को उन्नत प्रजाति तथा अधिक पैदावार देने वाले पेड़ोंं के बीज ही लेने चाहिए। अगर किसान को बड़े स्तर पर पपीता की खेती करनी हैं तो उसे पपीता के बीज किसी अच्छी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से लेने चाहिए।


पपीता का पेड़ कैसे लगाएं, पपीता में कौन सा खाद देना चाहिए





सबसे पहले bhumi को अच्छी तरह से जोतकर मिट्टी को भुरभुरी और समतल कर लेना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए की उक्त मिट्टी में पानी का ठहराव ज्यादा समय तक ना रह सके, उसके बाद पेड़ लगाने के लिए लगभग 1.5 फिट गहरे गड्ढे बनाने चाहिए, यह गड्ढे उचित दूरी पर जोकि लगभग 5 फीट तक हो सकती है बनाने चाहिए। फिर इन गड्ढों में पर्याप्त मात्रा में देसी खाद, जैविक खाद और जिंक आदि का मिश्रण करके डालना चाहिए, तदुपरांत लगभग 6 इंच की गहराई तक पौधे का रोपण कर देना चाहिए।


पपीता का बीज कितने दिन में उगता है

पपीता के बीज का उगना बहुत कुछ मिट्टी और जलवायु पर निर्भर करता है। सामान्यतः पपीता का बीज 10 से 15 दिन में अंकुरित हो जाता है।


पपीता खाने का सही समय | पपीता कब खाना चाहिए | right time to eat papaya

पपीते के फलका सेवन प्रातः काल करना उचित सर्वशष्ठ माना जाता है। ऐसा माना जाता है की प्रातः काल पपीता का सेवन ज्यादा सुरक्षित और मूड को बेहतर बनान के लिए अच्छा होता है। वैसे पपीता के फल का सेवन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।


 पपीता कब नहीं खाना चाहिए | when not to eat papaya

हमारे बड़े बुजुर्गों और आयुर्वेद के अनुसार पपीता एक बेहतरीन फल होता है और पाचन के लिए भी यह अच्छा होता है। लेकिन रात्रि के खाने के बाद पपीते को खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि रात्रि के खाने के बाद पाचन तंत्र के लिए यह हानिकारक हो सकता है।


पपीता खाने के नुकसान | disadvantages of eating papaya

व्यक्ति को लगभग एक समय में ढाई सौ ग्राम तक पपीते का सेवन कर लेना चाहिए, लेकिन पपीता का ज्यादा सेवन भी एक साथ करने से यह व्यक्ति की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है, क्योंकि पपीते में पपेन नाम का एक एंजाइम भी होता है जो कि चक्कर आना, सिर दर्द, एलर्जीी, सूजन आदि पैदा कर सकता है।


 रात को पपीता खाने के फायदे | benefits of eating papaya at night

पपीता एक मजेदार फल है और यह आसानी से हजम हो जाता है। पपीता कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए रामबाण हैै। रात को पपीता खाने से व्यक्ति सुबह जल्दी और आसानी से मल त्याग देता है।


खाली पेट पपीता खाने के नुकसान | disadvantages of eating papaya

वैसे तो प्रातः काल पपीता का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा माना गया है लेकिन किन्हीं विशेष बीमारियों से ग्रस्त मरीज को खाली पेट पपीता खाने से नुकसान भी हो सकता है। बीमारियों में डॉक्टर की सलाह से ही पपीता का सेवन करना चाहिए।


पपीता खाने से क्या होता है | what happens when you eat papaya

पपीता खाने से सेहत बनती है और हाजमा दुरस्त रहता है। पपीता एक स्वास्थ्य वर्धक और हाजमेदार फल है और इसका सेवन से पेट भी दुरुस्त रहता है।


पपीता में कौन सा विटामिन पाया जाता है | which vitamin is found in papaya

भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार पपीता एक बेहद एवं फल है। औषधीय गुणों से भरपूर पपीता में विटामिन ए और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। पपीता व्यक्ति की इम्यूनिटी पावर को बूस्ट करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। मोटापे से परेशान व्यक्ति के लिए बेहतरीन फूड पपीता है। पपीता में 120 कैलोरी होती है। यह फल आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है, साथ ही महिलाओं के पीरियड्स के दर्द को भी कम करने में सहायक है।

 इसका सेवन करने से शरीर का अंदर खून को शुद्ध किया जा सकता है। पपीते के अंदर औषधीय गुण होते हैं। पपीते में एंटी आक्साइड और फाइबर की मात्रा होती है। एंटी आक्साइड और फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं ।पपीते के फल में बहुत कम कैलोरी होती है जोकि मोटापे को घटाने में भी मदद करती है। डायबिटीज रोगियों के लिए भी पपीता एक बेहतरीन फल है क्योंकि स्वाद में मीठा होने के बावजूद भी पपीता में शुगर की मात्रा बहुत कम होती है।



पपीता और केला एक साथ खाने से क्या होता है | what happens if you eat papaya and banana together

पपीता और केला को एक साथ खाने से बचना चाहिए। दोनों ही अलग-अलग गुणों और स्वभाव के फल है, इसलिए दोनों ही फलों का उचित समय पर अलग-अलग उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद होता है।


पपीता को इंग्लिश में क्या बोलते हैं | what is papaya called in English

पपीता को इंग्लिश में Papaya बोलते हैं।


पपीता मजेदार | papaya Fun

पपीता मजेदार फल है।

पपीता गर्म है या ठंडा | is papaya hot or cold

पपीता को एक गर्म तासीर वाला फल माना जाता है।


पपीता का पत्ता | papaya leaf

पपीता का पत्ता आकार में काफी बड़ा होता है। पपीता के पेड़ पर उसके पत्ते ऊपर की तरह ही रहते हैं, पेड़ के साथ छोटी-छोटी डंडिया निकलती है, जिसके ऊपर पपीता का पत्ता लगा होता है। पपीता का पत्ता 2 फुट चौड़ा हो सकता है।


पपीता के पत्ते के फायदे | benefits of papaya leaf

पपीता का पत्ता औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पपीता के पत्ते को पीसकर जूस बनाकर छानकर सेवन करने से व्यक्ति की इम्यूनिटी पावर में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है।


 पपीता खाने के बाद क्या चीज नहीं खानी चाहिए पपीता का जूस के फायदे | what should not be eaten after eating papaya

पपीता खाने के बाद कुछ समय तक जल का उपयोग करने से बचना चाहिए। पपीता का जूस के फायदे बहुत होते हैं, यह व्यक्ति की  इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने में सहायक है। डेंगू बीमारी में
भी पपीता का जूस बहुत फायदेमंद पाया गया है।


गिलोय पपीता रस बेनिफिट्स | giloy papaya juice benefits

गिलोय पपीता रस बेनिफिट्स बहुत अधिक है। दोनों का ही मिश्रित रस एक आयुर्वेदिक रामबाण औषधि की तरह ही काम आता है। इसका रस इम्यूनिटी पावर बढ़ाने में सहायक है तथा डेंगू के मरीज को इसका रस अत्यंत ही फायदेमंद है। पपीता के औषधीय गुण बहुत अधिक है।


 गिलोय का पौधा घर में लगाना शुभ है या अशुभ

यह सवाल अक्सर दिमाग में कौंधता है कि, गिलोय का पौधा घर में लगाना शुभ है या अशुभ, और इसका सीधा और सपाट उत्तर यह है कि गिलोय एक औषधीय पौधा है और यह बेल की तरह बढ़ता है। घर में ही इसके विविध इस्तेमाल हैं, और गिलोय का पौधा घर में लगाना शुभ होता है।

गर्भवती महिला को पपीता खाने से क्या होता है | what happens to a pregnant women by eating papaya

गर्भवती महिला सीमित मात्रा में पका हुआ पपीता खा सकती है क्योंकि पपीता सेहत के लिए अच्छा माना जाता है और गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत पडती है।
 
 पपीते में पर्याप्त मात्रा में विटामिंस, प्रोटीन, फाइबर आदि पाए जाते हैं। पपीते के सेवन से महिलाओं के पीरियड के समय में कोई भी बदलाव नहीं होते। वही हेल्थ एक्सपर्ट की ओपिनियन में पपीता सभी फलों में सबसे ज्यादा स्वादिष्ट होता है। महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कुछ फलों को न खाने की सलाह भी हेल्थ एक्सपर्ट देते हैं। कच्चा पपीता गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान नहीं खाना चाहिए क्योंकि कच्चा पपीता खाने से मिसकैरेज या समय से पहले दर्द शुरू हो सकते हैं।


पपीता की उम्र कितनी होती है

ऐसा माना जाता है की पपीते के पेड़ लगभग 4 से 6 वर्ष तक की उम्र रखता है, मगर यह सब पपीता की जहां पर बोया जाता है, वहां की मिट्टी और जलवायु पर भी निर्भर करता है। बहुत कुछ पपीते के बीज किस क्वालिटी के हैं उस पर भी निर्भर करता है। इस प्रकार पपीता की उम्र 4 से 6 वर्ष से भी कुछ ऊपर नीचे हो सकती है।


पपीता का पेड़ घर में शुभ है या अशुभ

पपीता का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है, आज तक हमारे द्वारा ऐसा कभी भी नहीं सुना गया की पपीता लगाने से कभी कोई अशुभ हुआ हो। अगर कोई अपवाद हुआ हो तो उसकी जानकारी हमें नहीं है।


पपीता का पेड़ कितने दिन में फल देने लगता है?

सामान्यता पपीता का पेड़ 280 दिन से 310 दिन के बीच में फल देना शुरू कर देता है, मगर बहुत कुछ इसके बीज की वैरायटी पर निर्भर करता है। उन्नत बीज का पौधा कुछ जल्दी भी फल देना शुरू कर देते हैं।


पपीता का पेड़ 1 साल में कितनी बार फल देता है?

ऐसा माना जाता है की पपीता का पेड़ आमतौर पर एक बार में साल में वर्ष में एक बार ही फल देता है, मगर आजकल कुछ ऐसे उन्नत बीज भी आ गए हैं, जिनका पौधा एक से अधिक बार भी फल दे सकता है।


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