आज की पोस्ट में हम गन्ने की खेती के बारे में जानकारी देंगे, जैसे: गन्ना की खेती कैसे किया जाता है, गन्ने की खेती कहां होती है, 1 एकड़ में कितना गन्ना पैदा हो सकता है, गन्ने का सबसे अच्छा बीज कौन सा है, bhumi में 1 एकड़ गन्ना की खेती के लिए कितना बीज लगेगा, भूमि में गन्ना बोने का समय कौन सा उचित होता है, गन्ना से क्या-क्या बनता है आदि।
गन्ना की खेती कैसे की जाती है | Ganna ki kheti kaise ke jata hai
खेत की तैयारी : गन्ने की खेती करने के लिए सर्वप्रथम bhumi के खेत को गहरी जताई करने के बाद पाटा चलाकर समतल किया जाता है, भूमि में जुताई करने के लिए हैरो, कल्टीवेटर या रोटावेटर का इस्तेमाल किया जाता है। गन्ने की खेती के लिए रेतीली मिट्टी जिसमें पानी की अच्छी निकासी हो, काली भारी मिट्टी और पीली मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है। गहरी जुताई के बाद पाटा मारकर खेत समतल कर लेना चाहिए। बुवाई से पूर्व मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए तथा जुताई गहराई तक करनी चाहिए, क्योंकि गन्ने की जड़े गहराई तक जाती है। अगर जितनी अच्छी गहराई तक जुताई होगी उतने ही अच्छे पौधों को पोषक तत्व मिलेंगे। गन्ने की फसल बहु वर्षीय होती है तथा एक बार बोने के बाद किसान कई वर्ष तक आमतौर पर 3 वर्ष तक उसकी फसल काटते हैं।
गन्ना बीज का चुनाव तथा उसकी मात्रा : गन्ना विशेषज्ञ तथा अनुभवी किसानों के अनुसार गन्ना बीज के लिए 9 से 10 माह के गन्ने के बीज का इस्तेमाल अच्छा माना जाता है, बीज के लिए गन्ना मोटा ठोस वह रोग रहित होना अच्छा माना जाता है। जिस गन्ने की आंखें अंकुरित हो या उसकी जड़े निकल आई हों ऐसे गन्ना बीज का उपयोग ना करना ही हितकर होता है। एक एकड़ गन्ना बोने के लिए आमतौर पर 10 कुंटल गन्ना बीज की आवश्यकता पढ़ती है, दो आंख के टुकड़े लगाने पर 20 कुंटल तक बीज लग सकता है। गन्ने की बीज की कटाई करने के लिए तेज धार वाले औजार जैसे गंडासा से गन्ने की कटाई करनी चाहिए। कटाई करते वक्त यह ध्यान रखना चाहिए की गन्ने की बीज की आंख से कम से कम 3 इंच पहले उसकी कटाई हो।
गन्ने की नाली से नाली तक की दूरी : गन्ने की नाली से नाली तक की दूरी लगभग 3 फुट से 4 फुट के बीच में होनी चाहिए इसके कई लाभ मिलते हैं, जैसे:बीज की मात्रा कम लगती है, सूर्य प्रकाश तथा हवा अधिक मिलने से गन्ना अच्छा मेडा मार लेता है, जिससे उपज अधिक होती है। इसके अलावा गन्ने की नलाई, गुड़ाई भी अच्छी तरह से हो जाती है।
गन्ना बोने का समय : bhumi में गन्ना बोने का सर्वोत्तम समय अक्टूबर माह से नवंबर माह तक माना जाता है तथा इस समय गन्ना बोने से अच्छी पैदावार मिलने की उम्मीद रहती है। बसंत कालीन गन्ना फरवरी तक लगाया जा सकता है।
उचित उर्वरक का प्रयोग : गन्ने की अच्छी पैदावार लेने के लिए उचित उर्वरकों का इस्तेमाल आवश्यक होता है। सर्वप्रथम गन्ना बीज बोने से पूर्व खेत में गोबर खाद या कंपोस्ट खाद डालनी चाहिए। गांव में इसको देसी खाद भी बोला जाता है तथा यह खाद जानवरों के गोबर, सूखी पत्तियां और घास फूस से तैयार होती है! इसके अलावा आजकल पोल्ट्री फार्म से ली गई मुर्गी खाद बायो कंपोस्ट भी बहुत किसानों के बीच में प्रसिद्ध हो रही है। खेत में 1 एकड़ जगह के लिए लगभग 70 कुंटल गोबर खाद डालना अच्छा माना जाता है, पूरे खेत में खाद मिलाकर अच्छी तरह से जुताई कर लेनी चाहिए। इसके अलावा गन्ना की फसल बोते समय जिंक, पोटाश आदि का इस्तेमाल मिट्टी की जांच उपरांत एक्सपर्ट की राय लेकर उचित मात्रा में करना चाहिए। फसल बड़ी होने पर यूरिया का इस्तेमाल भी उचित मात्रा में करना चाहिए, गन्ने को तीन चार बार निराई गुड़ाई की भी आवश्यकता पड़ती है, इससे खरपतवार का नियंत्रण होता है। वैज्ञानिक विधि को अपनाकर गन्ना की खेती करने से किसान भाई अधिक गन्ने की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
गन्ने की सिंचाई : गन्ने की सिंचाई खेत में खेत की मिट्टी जलवायु पर निर्भर करते हैं अगर गन्ने के खेत में रेत की मात्रा अधिक होगी तो सिंचाई की आवश्यकता भी अधिक होगी। इसके विपरीत अगर खेत की मिट्टी काली मिट्टी तथा उपजाऊ होगी तो उसमें खेत की मात्रा भी सिंचाई की मात्रा भी कम होगी, गन्ने की सिंचाई नहर के पानी से या ट्यूबवेल के पानी से आसानी से की जाती है।
गन्ने की उपज : ऐसा माना जाता है की किसान को प्रति एकड़ जमीन में 300 से 400 कुंटल तक गन्ने की पैदावार आसानी से प्राप्त हो जाती है। लेकिन वर्तमान में ऐसी कई नई उन्नत किस्में गन्ना की आ चुकी है, जिससे पैदावार में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और यह प्रति एकड़ उपज 300 से 500 कुंटल तक हो सकती है।
गन्ना से क्या-क्या बनता है : भारत में गन्ना से मुख्य तौर पर चीनी, गुड़, शक्कर, सिरका बनता है। वर्तमान में भारत सरकार के प्रोत्साहन से बड़ी मात्रा में गन्ने से एथेनॉल भी बनाया जा रहा है जिसको पेट्रोल में मिक्स किया जा रहा है।
भारत में गन्ने की खेती भारत में गन्ने की फसल को नकदी फसल के रूप में जाना जाता हैैै, भारत दुनिया में गन्ने का दूसरा सबसेे देश है भारत में लाखों लोग किसान गन्ने की खेती करते हैं, गन्ने की खेती लाखों लाखों लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करते हैं। भारत में सैकड़ों चीनी मिले वर्तमान में मौजूद है, भारत में बड़ी संख्या में चीनी का उत्पादन भी किया जाता है। भारत पूरे विश्व में चीनी के उत्पादन में नंबर दो स्थान पर स्थान पर विराजमान है, चीनी के निर्यात से बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा भी देश को मिलती है।
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